फूल तोड़ने तितलियां पकड़ते देख सिहर जाती है रूह मेरी, दिल तोड़ते जुबां तोड़ते वख्त किसी के हाथ भी न कांपे, ©Deepak Mishra #हिंदी_कविता #हिंदिशायरी #फेरो_न_नज़रों_को #Fero_Na_Nazron_ko #Flower