" हर आरजू टुट के बिखर जाती , ज़िन्दगी में मुश्किले कम तो नहीं , चाहत के सफर में जो मिलता ना तेरा साथ , जाने क्या हो जाता रुखसत कर देता सांसों को ज़िन्दगी से , जो दिल को तेरे साथ होने का एहसास ना मिलता ." --- रबिन्द्र राम " हर आरजू टुट के बिखर जाती , ज़िन्दगी में मुश्किले कम तो नहीं , चाहत के सफर में जो मिलता ना तेरा साथ , जाने क्या हो जाता रुखसत कर देता सांसों को ज़िन्दगी से , जो दिल को तेरे साथ होने का एहसास ना मिलता ." --- रबिन्द्र राम