राही हूँ तेरी गलियो का, मुसाफ़िर हूँ अपने सपनों का, जी रहा हूँ ये सोचके कि, तेरी गलियो में प्यार मिल जाए और चलते चलते मंज़िल।। #munasif_e_mirza #राही #मंज़िल #गलियाँ #yqbaba