तुम इत्र, महक मैं तुम मुस्कान, चहक मैं तुम बादल, मैं बरखा तुम कनक, चमक मैं तुम नदीश, मैं सरिता तुम वृक्ष, मैं लतिका तुम दिनकर, किरन मैं तुम आर्यपुत्र, मैं वनिता तुम जिस्म, मैं रूह तुम कोयल, मैं कूह तुम दिल, मैं धड़कन तुम चाहत, मैं तड़पन तुम अम्बर, मैं धरती तुम सुगंध, मैं मंजरी तुम शब्द, मैं अर्थ तुम नहीं, मैं व्यर्थ #कनक - #सोना #नदीश - #सागर, #सरिता - #नदी #लतिका - #बेल #आर्य - #पति, #वनिता - #पत्नी #मंजरी - #फूल