सारी उम्र बचाते रहे दिल को सबसे कठोर बन जाने से मजबूरी ना बने कोई रिश्ता यूँ ही बेवजह निभाने से । बचते रहे हर वजह से मतलब की तो दुनिया है ये रोकते रहे हर पल खुद को उन जैसे मतलबी बन जाने से । गुजर गई कई बयारें यूँ ही कई पतझड़ मनमाने से बदलेगा ये "रूप" भी अब उसूल रूठा बहुत है आजमाने से ।। कहाँ तक बच सकेगा दिल, कहीं जाकर फँसेगा दिल... #रातकाअफ़साना #broken #रूप_की_गलियाँ #rs_rupendra05 #बचसकेगादिल #collab #yqdidi #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Didi