ज़माना बहुत ही बहुरूपिया और खुदगर्ज है बहन, अपनाबन.. काम अपना निकाल लेते है.. उस समय सबसे सगा ख़ुद को दिखाते है.. काम बनते ही अपना यों मुंह मोड़ लेते है जैसे पहचानते ही नहीं..— % & Collaborating with Vaishnavi Sharma