नयन में प्रेम हृदय में कालिक जिससे प्रेम किया कुछ ऎसा था मालिक इतनी मुहब्बत के बाद भी वो निकला नफरत भरे शेरों का खालिक कैसी ज़िन्दगी दी है मुझे मेरे मालिक नहीं भूल सकता