मेरी लिखावट।... पुजारी हूं मा सरस्वती का, जो सच्ची है, वो बात लिखूंगा।... बेखौप मेरी कलम से, मेरे ईमान, उसूल, जज़्बात लिखूंगा।... ईमान की कलम चलता हूं, ईमान से जीना चाहूंगा। काले हिजाब में ढका, हर हरामखोर मैं लिखना चाहूंगा। गद्दार है कुछ अभी दामन में, मेरी कलम से हर वो गद्दार लिखूंगा।... बेखौप मेरी कलम से , मेरे ईमान, उसूल,जज़्बात लिखूंगा।... पुजारी हूं सरस्वती मां का, जो अ सच्ची है वो बात लिखूंगा।... कविराज। मेरी लिखावट...