Nojoto: Largest Storytelling Platform

" कुछ जिक्र अभी बाकी सा हैं , तेरी आदतें अभी मुसाफ

" कुछ जिक्र अभी बाकी सा हैं ,
तेरी आदतें अभी मुसाफ़िर सा हैं‌ ,
रोज़ ना रोज हर रोज कोई दस्तक दे जाते हो ,
मेरी गुमनामी में भी अपनी आदतें मसहूर कर जाते हो ."

                               --- रबिन्द्र राम " कुछ जिक्र अभी बाकी सा हैं ,
तेरी आदतें अभी मुसाफ़िर सा हैं‌ ,
रोज़ ना रोज हर रोज कोई दस्तक दे जाते हो ,
मेरी गुमनामी में भी अपनी आदतें मसहूर कर जाते हो ."

                               --- रबिन्द्र राम 

#जिक्र #आदतें #मुसाफ़िर #दस्तक
" कुछ जिक्र अभी बाकी सा हैं ,
तेरी आदतें अभी मुसाफ़िर सा हैं‌ ,
रोज़ ना रोज हर रोज कोई दस्तक दे जाते हो ,
मेरी गुमनामी में भी अपनी आदतें मसहूर कर जाते हो ."

                               --- रबिन्द्र राम " कुछ जिक्र अभी बाकी सा हैं ,
तेरी आदतें अभी मुसाफ़िर सा हैं‌ ,
रोज़ ना रोज हर रोज कोई दस्तक दे जाते हो ,
मेरी गुमनामी में भी अपनी आदतें मसहूर कर जाते हो ."

                               --- रबिन्द्र राम 

#जिक्र #आदतें #मुसाफ़िर #दस्तक