एक तरफ नमाज , तो दूजी तरफ घण्टियों की आवाज,, ऐसे उठाता है मुझे मेरा शहर एक तरफ अनुशासन तो दूजी तरफ अल्हड़पन से मिलाता हैं मुझे मेरा शहर एक तरफ ख़्वाजा साहब तो दूजी तरफ ब्रम्हा मंदिर के आगे शीष झुकाता हैं मेरा शहर एक तरफ सोहन हलवा तो दूजी तरफ बड़ा सा कचौरा खिलाता हैं मुझे मेरा शहर घाटियों से घिरा भीषण गर्मी से बचाता हैं मुझे मेरा शहर, एक तरफ डाट , तो कही प्यार से मिलाता हैं मुझे मेरा शहर यहाँ सभी दिल से ज़ुड़े हैं एक- दूजे से इसलिए राजस्थान का ह्रदय कहलाता हैं मेरा शहर #MeraShehar