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हवा चल रही झुका कर पेड़ों को, बादल बरस रहे छुपा क

हवा चल रही झुका कर पेड़ों को, 
बादल बरस रहे छुपा कर रवि को, 
इतना है रफ्तार इसका, 
रुख बदला, गहरे समुद्र का । #Time
#Amfan
  pooja yadav Pathak ji  Neeraj Mishra
हवा चल रही झुका कर पेड़ों को, 
बादल बरस रहे छुपा कर रवि को, 
इतना है रफ्तार इसका, 
रुख बदला, गहरे समुद्र का । #Time
#Amfan
  pooja yadav Pathak ji  Neeraj Mishra