Nojoto: Largest Storytelling Platform

फिज़ाएँ ढूँढती हूँ तन्हा दरख्तों की साँसों मे, साथ

फिज़ाएँ ढूँढती हूँ तन्हा दरख्तों की साँसों मे, 
साथ हवाओँ के बह जाना चाहती हूँ,
मोर बन नाच के खुशामदीद करूँ सावन का कहके आदाब, 
फिर वो खुशनुमा लम्हें आज़माना चाहती हूँ,
भीग बेइंतिहा बारिशों की बाहों में, 
कुछ पल अकेले में खो जाना चाहती हूँ।
मैं कौन हूँ इसे रहने दो अभी तो जनाब, 
तुम्हारी जिंदगी को बस जीना सिखाना चाहती हूँ।।

उंगलियाँ हाथ का हिस्सा हैं,और हाथों को खुशियाँ बाटने दो
इन्हें मोबाइल की ज़ंजीरों से आज़ाद कराना चाहती हूँ।
झुकी नज़रों से बस धूल अपने ही पैरों की देख पाओगे,
सर को उठा रुबरु ज़माने से कराना चाहती हूँ।
रिश्तें ताकतें हैं करीब खड़े होकर ज़मानों से,
नज़रें उठा तुम्हें उनको दिखाना चाहती हूँ।।

मैं तुम ही तो हूँ जिसे तुम भूल आए थे जाते अपने बचपन के साथ कभी,
तुम्हारी जिंदगी हूँ और अब तुम्हारी जिंदगी को बस जीना सिखाना चाहती हूँ।। #shaayavita #badaltiduniyaan #jeelo #nojoto
फिज़ाएँ ढूँढती हूँ तन्हा दरख्तों की साँसों मे, 
साथ हवाओँ के बह जाना चाहती हूँ,
मोर बन नाच के खुशामदीद करूँ सावन का कहके आदाब, 
फिर वो खुशनुमा लम्हें आज़माना चाहती हूँ,
भीग बेइंतिहा बारिशों की बाहों में, 
कुछ पल अकेले में खो जाना चाहती हूँ।
मैं कौन हूँ इसे रहने दो अभी तो जनाब, 
तुम्हारी जिंदगी को बस जीना सिखाना चाहती हूँ।।

उंगलियाँ हाथ का हिस्सा हैं,और हाथों को खुशियाँ बाटने दो
इन्हें मोबाइल की ज़ंजीरों से आज़ाद कराना चाहती हूँ।
झुकी नज़रों से बस धूल अपने ही पैरों की देख पाओगे,
सर को उठा रुबरु ज़माने से कराना चाहती हूँ।
रिश्तें ताकतें हैं करीब खड़े होकर ज़मानों से,
नज़रें उठा तुम्हें उनको दिखाना चाहती हूँ।।

मैं तुम ही तो हूँ जिसे तुम भूल आए थे जाते अपने बचपन के साथ कभी,
तुम्हारी जिंदगी हूँ और अब तुम्हारी जिंदगी को बस जीना सिखाना चाहती हूँ।। #shaayavita #badaltiduniyaan #jeelo #nojoto
rahulkaushik6608

Arc Kay

Bronze Star
New Creator