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मेरी पहली सांस वो पल सामने लाती है मेरे दुनिया मे

मेरी पहली सांस वो पल सामने लाती है

मेरे दुनिया में आने की खुशी में माँ आंसू बहाती है

उस खुशी के आंसू में मेरे अस्तित्व की तस्वीर थी

बंद थी मेरी आँखें जब माँ एक और शरीर थी

घर -घर आये ऐसी खुशी मन दुनिया का ललचाया

उन तलबदार चेहरों को मैं उस वक़्त देख न पाया

मन खुशी से पूरा भरकर माँ मेरी बलाईयां लेती है

आँचल से ऊपर सारी दुनिया बधाइयां देती है

दादी नानी ने एक नोट नन्हे हाथों में भींच दिया

नवपुल्कित निर्दोष दामन भी माया से सींच दिया

न ही कोई इच्छा है ना ही कोई होश है

चार दिनों के पहले दिन बस दुनिया मदहोश है!


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#writersofindia 
मेरी पहली सांस वो पल सामने लाती है

मेरे दुनिया में आने की खुशी में माँ आंसू बहाती है

उस खुशी के आंसू में मेरे अस्तित्व की तस्वीर थी

बंद थी मेरी आँखें जब माँ एक और शरीर थी

घर -घर आये ऐसी खुशी मन दुनिया का ललचाया

उन तलबदार चेहरों को मैं उस वक़्त देख न पाया

मन खुशी से पूरा भरकर माँ मेरी बलाईयां लेती है

आँचल से ऊपर सारी दुनिया बधाइयां देती है

दादी नानी ने एक नोट नन्हे हाथों में भींच दिया

नवपुल्कित निर्दोष दामन भी माया से सींच दिया

न ही कोई इच्छा है ना ही कोई होश है

चार दिनों के पहले दिन बस दुनिया मदहोश है!


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prashantraj8762

Prashant Raj

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