आजकल छोटी छोटी बातों में भी ख़ुशी ढूंढता हूँ हर किसी के लबों पर अब हँसी ढूंढता हूँ दुआ की है मेरी परछाईं भी ना पड़े तुझपे दिन घर मे गुज़रती औऱ रातों में निकलता हूँ। # अब दूरियां बनानी है तुमसे