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मैं जी रही हूँ जीवन के इस नए दौर से अब मैं गुजर

मैं जी रही हूँ 

जीवन के इस नए दौर से 
अब मैं गुजर रही हूँ 
हर लम्हा ज़िंदगी का मैं 
अकेले ही जी रही हूँ 

सावन भी कई आए और गए 
खुशियों ने भी दस्तक थे दिए 
अब पतझड़ जीवन का देख रही हूँ 
उसका भी आनंद मैं ले रही हूँ 

जो भी होगा आगे वो देखा जाएगा 
आखिर कब तक ज़माना मुझे सताएगा 
सब दुख ज़िंदगी के मैं झेल चुकी हूँ 
अब दुख में भी खुशियों को मैं तलाश रही हूँ 

क्या हुआ जो हो गई हूँ मैं अकेली
हर कोई मेरे दिल से है खेला 
मैं अब किसी की परवाह नहीं कर रही हूँ 
खुद अपनी मस्ती में मैं जी रही हूँ

©Poonam Suyal
  #Jeevan