Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्यों पूछते हो?मत पूछो कौन हूं मैं! दर्द के सरहद प

क्यों पूछते हो?मत पूछो कौन हूं मैं!
दर्द के सरहद पर खड़ा मोहब्बत का मुंतजीर हूं मैं,
फूल नगर का बिछड़ा हुआ कांटा कुमार हूं मैं,
दूर रखो अपने नाजुक दामन को कि धतूरा हूं मैं।

अपनों से बिछड़ा हुआ ऐसा शख्स हूं मैं,
होते हुए सबके किसी का नहीं हूं मैं,
छुपाऊं कितना दर्द उनसे जो जानकर अनजान हैं,
जाहिर करने से क्या हासिल कि बेगुनाह हूं मैं।

कोई पूछे मेरा हाले दिल तो बोलूं मैं,
क्या बताऊं! बाज़ारे शाद में गमों का खरीदार हूं मैं,
आदत है मेरी कि ग़मों के साए में,
जनाब! खुशी के व्यापारी हूं मैं।
                                             असाकिर

©Asakiruddin मेरा परिचय।

#Thinking
क्यों पूछते हो?मत पूछो कौन हूं मैं!
दर्द के सरहद पर खड़ा मोहब्बत का मुंतजीर हूं मैं,
फूल नगर का बिछड़ा हुआ कांटा कुमार हूं मैं,
दूर रखो अपने नाजुक दामन को कि धतूरा हूं मैं।

अपनों से बिछड़ा हुआ ऐसा शख्स हूं मैं,
होते हुए सबके किसी का नहीं हूं मैं,
छुपाऊं कितना दर्द उनसे जो जानकर अनजान हैं,
जाहिर करने से क्या हासिल कि बेगुनाह हूं मैं।

कोई पूछे मेरा हाले दिल तो बोलूं मैं,
क्या बताऊं! बाज़ारे शाद में गमों का खरीदार हूं मैं,
आदत है मेरी कि ग़मों के साए में,
जनाब! खुशी के व्यापारी हूं मैं।
                                             असाकिर

©Asakiruddin मेरा परिचय।

#Thinking