अब तो लिखने के लिए शब्द नहि मिल्ता.. पहेले के जैसे ओ फुल नहि खिल्ता... देखलो जिभर दिल लगा के पहेले के जैसे ओ बात भि नहि मिल्ता.... ✍️Yudi Shah अब तो लिखने के लिए शब्द नहि मिल्ता.. पहेले के जैसे ओ फुल नहि खिल्ता... देखलो जिभर दिल लगा के पहेले के जैसे