लो आज़ाद किया मैंने, तुम्हें शाम से,सहर से, तुम्हें पाने की ज़िद्दो जहद से, तुम्हें खो देने की फ़िक्र से, और ये फैसला किया है, घुटते दिल से,डबडबाई नजर से, मैं जाते देख रहा था दूर तुम्हें, रिश्ते की उलझी डगर से, तो ईश्वर करे अब, तुम्हारी हिफाज़त, तुम नहीं रहोगे साथ, तब भी रहेगी तुमसे मोहब्बत, और इसी मोहब्बत की ख़ातिर, दिल पर रख लिए पत्थर से, लो आज़ाद किया मैंने, तुम्हें ख़ुद से,अपने डर से, तुम्हें पाने की ज़िद्दो जहद से, तुम्हें खो देने की फ़िक्र से।। तुम्हें आज़ाद कर रहा हूँ #astheticthoughts #newbeginning #bittertruth #foryou #latestshayri #yqdidi #hindipoetry