वीराने शहर में लाशों का ढेर है, लगता है यहां कोई आदमखोर है। खा गए राशन गरीब का, और कह रहे ये दुनिया खराब है।। बनाया है मजाक मुफलिसी का, और बांट रहे है खैरात लोगों में। यहां देख रहा है अंधा सब कुछ, कहानी गूंगा सुना रहा है बहरे को ।। ©Sachin Mishra gov