मुलाकातों की दास्तानें कैद हैं उसमें पिटारा खोल के कहां रैन है मुझमें तेरे साथ को महसूस दिन रात करता हूं पिटारा खोल के फरियाद करता हूं साथ कुछ कड़वी यादें बंद हैं उसमें तेरी यादों को करती हैं जो मंद मुझमें मैं भी तुझको काम याद आऊं बस पिटारा खोल के यही फरियाद करता हूं यही फरियाद करता हूं..... यादों का एक पिटारा #deardeepakk_writes #story_telling_by_deardeepakk #deesha #poem #love #shayari