वो गाँवों के झूले,आमों की बौर नहीं आती, महानगरों के गर्म थपेड़ों में, बरगद की छाव नहीं आती, पाट दिया है जंगलों को कंक्रीट के शहरों से, वो पहले सी बारिश वाली कागज की नाव नहीं आती, मचल रहा है फिर से बचपन मैदानों में जाने को, पर कंप्यूटर गेमिंग के युग में लट्टू सी जान नहीं आती।। #Poetry #Love #2Liners #Kavishala #इंतज़ार #Nojoto #Nojotohindi #Happines #Newpost #Beauti #Photographi