नाचिये.. ऐसा नाचिये क़ि छत टूट जाये, स्टेज के पटरे उखड़ जाये, वायु के अणुओं अनुनाद उठ पड़े, दिल का तार- वार सब टूट पड़े, मोर भी सिटिया बजाये, साग़र की लहरें तालियां बजाये.. पर्वत थिरक उठे.. पेड़ो की डलिया लचक उठे... हर मुद्रा पर नटराज अचंभित हों, स्वर्ग में बैठी अप्सराएं भी चकित हो... सूरज रुक कर एक टक देख़ने लगें... पैरों की थाप से,बादल भी ठुमकने लगें.. साँसों में झँझवाट उठे.. रोम रोम झंकार उठें... पलकें टिमटिमाने लगें... ज़िन्दगी मुस्कुराने लगे... नाचिये जी आप नाचिये... kumar mukesh #NojotoQuote #nojoto#quotes#मk