तो वो ऐसा हो, ठंड़ी भीनी सी बारिश की बूंदों जैसा हो... शांत कर दे तृप्त कर दे आत्मसन्तुष्ट आत्मा जैसा हो... मन की बंजर जमीं पर बरसे हरे सावन जैसा हो... शून्य से वो दुनिया बनायें हर एक रिश्ते जैसा हो... शब्दोंसे अमृत छलकायें और नैनों से ज्योति हृदय को भर दे प्रेम से वो सुनहरे उजालों जैसा हो... शुभरात्रि लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳