साँवली सी सूरत तेरी जिसपे दुनिया मरती है, मेरी आँखों मै भी एक ऐसी मूरत बसती है, कोंपल से गाल तुम्हारे और घुंघराले बाल है हिरनी जैसी आंखे तेरी और मस्तानी चाल है, घर से निकले जब तू गोरी ठुमक ठुमक यूँ चलती है मेरी... सावरिया