Nojoto: Largest Storytelling Platform

तू कहती है मैं तुझको गुलाब लिख दूँ दिल से तेरे सार

तू कहती है मैं तुझको गुलाब लिख दूँ
दिल से तेरे सारे झूठे हिसाब लिख दूँ
तू चाहती है_बदल  देना मुझको"प्यारी"
मेरा मन,पानी को पानी या आब लिख दूँ
मुबारक हो तुम्हीं को_ये सावन की फुहारें
मेरा वश चले तो सावन को वैशाख लिख दूँ
कलम ही तो है सुकूँ मैथिकल इश्क की निशा 
कि'बिखरें दिलों की दिल ए-जज़्बात लिख दूँ 
दिवार-ए-शहर पे  तुझको सरेआम लिख दूँ
चाहती हो प्रिये  ख़ुद को बदनाम लिख दूँ
ओ नज़रों से तबाह मुझको करने वाली 
तू कहे तो तुझको "ज़ाम" लिख दूँ 
सब पूजते हैं तुझ बुत को
पागल की तरह.!
तू ही बता,
तुझ में
दिलभी
है या
फिर
तुझे
दिल
बेज़ार
लिख दूँ
दस्तखत,
मैंकर तो नहीं पाया,
तेरे दिल की वसीयत पे
सोचता हूँ, खुद की वसीयत पे,
अपनी  जगहा  तेरा  नाम लिख दूँ 
तू कहे तो तुझको हमनशी "ज़ाम" लिख दूँ! हां!!इतनी सुन्दर तो नहीं है अभि गोपाला का
फिर भी तारीफ़ कर दियो इस प्याला का...

तेरे इश्क़ की समुन्दर में हर निशा डूब जाना है..!
उबलते तेरी आँखों की काली स्याह में तर जाना है..!!

🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱
तू कहती है मैं तुझको गुलाब लिख दूँ
दिल से तेरे सारे झूठे हिसाब लिख दूँ
तू चाहती है_बदल  देना मुझको"प्यारी"
मेरा मन,पानी को पानी या आब लिख दूँ
मुबारक हो तुम्हीं को_ये सावन की फुहारें
मेरा वश चले तो सावन को वैशाख लिख दूँ
कलम ही तो है सुकूँ मैथिकल इश्क की निशा 
कि'बिखरें दिलों की दिल ए-जज़्बात लिख दूँ 
दिवार-ए-शहर पे  तुझको सरेआम लिख दूँ
चाहती हो प्रिये  ख़ुद को बदनाम लिख दूँ
ओ नज़रों से तबाह मुझको करने वाली 
तू कहे तो तुझको "ज़ाम" लिख दूँ 
सब पूजते हैं तुझ बुत को
पागल की तरह.!
तू ही बता,
तुझ में
दिलभी
है या
फिर
तुझे
दिल
बेज़ार
लिख दूँ
दस्तखत,
मैंकर तो नहीं पाया,
तेरे दिल की वसीयत पे
सोचता हूँ, खुद की वसीयत पे,
अपनी  जगहा  तेरा  नाम लिख दूँ 
तू कहे तो तुझको हमनशी "ज़ाम" लिख दूँ! हां!!इतनी सुन्दर तो नहीं है अभि गोपाला का
फिर भी तारीफ़ कर दियो इस प्याला का...

तेरे इश्क़ की समुन्दर में हर निशा डूब जाना है..!
उबलते तेरी आँखों की काली स्याह में तर जाना है..!!

🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱💌🌱