बदल जाते है लोग वक़्त की तरह, मगर वक्त जब बदल जाए औरों की तरह तो किसे कहें गुनहगार और कौन बेगुनाह साबित होगा। क्योंकि इस वक्त की अदालत में फैसला किस्मत बंद आंखों से कर देती है। -Neha_Pandya #लोग_और_वक्त