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ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पांडित्य होय आज के प्

ढाई अक्षर प्रेम के,   पढ़े सो पांडित्य होय आज के प्रेम और वैदिक काल के प्रेम में कोई समानता नहीं।
#prem
ढाई अक्षर प्रेम के,   पढ़े सो पांडित्य होय आज के प्रेम और वैदिक काल के प्रेम में कोई समानता नहीं।
#prem