माहौल है आज उनकी जीत का , तुम क्यों खामोश हो , हर आरोप भूलकर तुम भी भीड़ में शामिल हो जाओ , 5 सालो में अनगिनत जवान शहीद हुए, पर तुमहे क्या ,तुम तो बस उनकी जीत का जश्न मनाओ , नजीब बेटा ही तो था किसी का ,खो गया ,खो जाने दो, पर तुमहे क्या ,तुम तो बस आज ढोल ताशे बजवाओ, गरीब ही तो था ,मर गया नोटबंदी की लाइन में , पर तुमहे क्या ,तुम तो बस आज चौतरफा नोट उड़ाओ , छोटा सा व्यापारी ही तो था ,जीएसटी की मार से बर्बाद हो गया , पर तुमहे क्या ,तुम तो बस दुसरो को चिढ़ाओ, बेटी ही तो थी किसी ,बलात्कार हो गया , पर तुम्हे क्या ,तुम तो बस अपनी भक्ति ही निभाओ , मुस्लिम था जुनैद ,धर्मो की लड़ाई के नाम पर भेट चढ़ गया , पर तुम्हे क्या ,तुम तो अपना अंधभक्ति का धर्म निभाओ , तुम खुश हो ,खुश रहो ,नाचो ,गाओ ,जश्न मनाओ , पर एक बार के लिए भूल कर हिन्दू मुसलमान ,जात पात का भेद भाव , क्या चुना है सही को , एक बार ये सवाल खुद से उठाओ !!!! ~mubashira ali