बचपन में नया साल मुबारक का ट्रेंड ही अलग था नया साल आने से पहले ही पैसा जमा करना फिर ग्रीटिंग कार्ड खरीदना
और वो ये हमारी नयी नयी उतावली सी घीसीपीटी शायरी 🤣🤣🤣 डब्बे में डब्बा
डब्बे में केक, हमारी दोस्ती लाखों में एक,ये पक्की सहेली को लिखते थे
अंगूर के रस को जूस कहते हैं जो नये साल की बधाई नहीं देते उसे कंजूस कहते हैं ,ये उन सहेलियों को देते थे जो कार्ड नहीं देती थी
🤣🤣
और भी बहुत सी शायरी थी जिसको हम लिखते थे
चम्मच में चम्मच चम्मच में जीरा मेरी सहेली लाखों में हीरा।
बेहतरीन बचपन था। 😭😭😌 बहुत याद आते हैं वो पल😍 #Love#Happy#friends#Rahul#love❤#nojotohindi#newyear#toall