ऐ किस्मत! जागने वाली रात दे मुझे!! अपने स्थूल चरमराई ज़ज़्बातों को पन्नों पर उतार न सकूँ तो... कम से कम उसके बारे में सोच-सोचकर चुपचाप बैठे रात ही गुज़ारता रहूँ। #रात #सोचना #चुपचाप #बैठना #गुज़ारा