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ज़रूरत पर मुख़ालिफ़ों से भी याराना लगता है, ये जहा

ज़रूरत पर मुख़ालिफ़ों से भी याराना लगता है,
ये जहां अब सियासतदारों का घराना लगता है।

गुजर गया वो वक़्त जब सियासत में मोहब्बत थी,
अब तो मोहब्बत में सियासत का ज़माना लगता है।

सबका साथ, सबका विकास, खत्म होगा भ्रष्टाचार,
ऐसी बातें तो अब महज़ चुनावी फ़साना लगता है।

पर्दे हटा कर ज़रा नैरंग-ए-सियासत तो देखिए जनाब!
ये अहद-ओ-पैमां तो हिसारदारों को नज़राना लगता है।

अब तो लोकतंत्र में भी दब जाते हैं ग़रीबों के नाले,
ये कुछ और नहीं, तारीक वक़्त का आना लगता है। मुख़ालिफ़ - opponent, enemy
नैरंग-ए-सियासत - magic of politics
अहद-ओ-पैमां - promise, agreement
हिसारदारों - who lives in castle
नाले - फ़रियाद, आह
तारीक - dark
ज़रूरत पर मुख़ालिफ़ों से भी याराना लगता है,
ये जहां अब सियासतदारों का घराना लगता है।

गुजर गया वो वक़्त जब सियासत में मोहब्बत थी,
अब तो मोहब्बत में सियासत का ज़माना लगता है।

सबका साथ, सबका विकास, खत्म होगा भ्रष्टाचार,
ऐसी बातें तो अब महज़ चुनावी फ़साना लगता है।

पर्दे हटा कर ज़रा नैरंग-ए-सियासत तो देखिए जनाब!
ये अहद-ओ-पैमां तो हिसारदारों को नज़राना लगता है।

अब तो लोकतंत्र में भी दब जाते हैं ग़रीबों के नाले,
ये कुछ और नहीं, तारीक वक़्त का आना लगता है। मुख़ालिफ़ - opponent, enemy
नैरंग-ए-सियासत - magic of politics
अहद-ओ-पैमां - promise, agreement
हिसारदारों - who lives in castle
नाले - फ़रियाद, आह
तारीक - dark