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धूप तेज थी और सूरज भी सर पर था बांधकर कपड़ा चेहरे

धूप तेज थी और सूरज भी सर पर था
 बांधकर कपड़ा चेहरे पर ,
मैं चेहरा भी ना बचाता तो क्या करता !
आंधियां जोरो की चली थी शहर में 
और मेरे घर में  , दरवाजा भी नहीं था
 मैं खिड़कियां भी ना लगाता तो क्या करता !

एक लड़की हंसी और ऐसे हंसी की  ,
 उसे कभी , कोई गम मिला ही नहीं
अपना दर्द भी ना सुनाता उसे , तो क्या करता !
और चांद को घमंड हो गया था की ,
उससे खूबसूरत और कोई है ही नहीं, 
अब तेरी तस्वीर भी उसे ना दिखाता , तो क्या करता !
एक समंदर मांग रहा था , पानी की भीख मुझसे
अब मैं आंसू भी ना बहाता , तो क्या करता ! #बेवफा #इश्क़ #धोखा #tears #आंसू #जान #tumbewafa

#धूप #तेज थी और #सूरज भी #सर पर था
 मैं #बांधकर #कपड़ा #चेहरे पर ,#चेहरा ना बचाता तो क्या करता 
#आंधियां #जोरो की चली थी #शहर में 
और #मेरे #घर में #दरवाजा भी नहीं था
 #मैं #खिड़कियां भी ना #लगाता तो क्या #करता
धूप तेज थी और सूरज भी सर पर था
 बांधकर कपड़ा चेहरे पर ,
मैं चेहरा भी ना बचाता तो क्या करता !
आंधियां जोरो की चली थी शहर में 
और मेरे घर में  , दरवाजा भी नहीं था
 मैं खिड़कियां भी ना लगाता तो क्या करता !

एक लड़की हंसी और ऐसे हंसी की  ,
 उसे कभी , कोई गम मिला ही नहीं
अपना दर्द भी ना सुनाता उसे , तो क्या करता !
और चांद को घमंड हो गया था की ,
उससे खूबसूरत और कोई है ही नहीं, 
अब तेरी तस्वीर भी उसे ना दिखाता , तो क्या करता !
एक समंदर मांग रहा था , पानी की भीख मुझसे
अब मैं आंसू भी ना बहाता , तो क्या करता ! #बेवफा #इश्क़ #धोखा #tears #आंसू #जान #tumbewafa

#धूप #तेज थी और #सूरज भी #सर पर था
 मैं #बांधकर #कपड़ा #चेहरे पर ,#चेहरा ना बचाता तो क्या करता 
#आंधियां #जोरो की चली थी #शहर में 
और #मेरे #घर में #दरवाजा भी नहीं था
 #मैं #खिड़कियां भी ना #लगाता तो क्या #करता