कि सरहद है वजूद शान्ति का, जंग में अक्सर सीमायें नहीं होती, जो होतीं तो जंग ही क्यों होती? न इस पार कोई शहादत होती , न उस पार आंसुओं की पलकों से बगावत होती। न हर बार किसी सरहद की मिट्टी रोती, शायद एक रात सरहद भी चैन की नींद सोती। सरहद भी चैन की नींद सोती।। (पूरी कविता कैप्शन में) सरहद (पूरी कविता कैप्शन में लिंक फॉलो करें) https://baagijazbaat.blogspot.com/2017/06/blog-post_24.html?m=1 #Indepenceday #azaadi #freedom #72indIndependenceday #princimishraquotes #कविता #देशभक्ति #proud #love #defenceforces #Indiansoilders #nojotoquotes #nojotopoetry #nojotothoughts #स्वतसन्त्रता #sacrifice #कुर्बानी #अंतिम_मोल #final_debt