कुछ अधुरा सा रह गया, दिल के घरोंदे में। दर्द भरी आवाज़ जब आई, दिल के कोने-कोने से।। सज़ा रखा था कुछ सपने, अपने मन के झरोखे में। हर लम्हे में बसा एहसास, बीते खट्टे-मीठे यादों से।। चला वक्त ने रूख़ ऐसा, पास लाकर भी सब दूर किया। होले-होले पास आकर, बिन बताए अचानक जहां में खो गया।। ♥️ Challenge-567 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।