हवाओ की याद ताजा कीजै, कुछ गम आज साझा कीजै, किताबो ने अपना घर जमा लिया है कमरे में, शराबो को भी हक़ पूरा दीजै, उसके हुस्न के पुराने किस्से से वाकिफ है हम, हुआ जो उसके साथ कुछ नया हो तो बात कीजै, होगा हर दिन हुस्नदारो की बात, जो वक़्त हो तो इधर भी मुख्तारी कीजै, हमने कह दिया है अपने शहर की हवाओ से, उनकी ज़ुल्फो से गुफ़्तगू करना कम कीजै, तुम अगर आई शहर में तो मिलना ज़रूर बस यही हमसे एक अधूरा वादा कीजै, आज ख़्वाबो को मैने इत्तला कर दिया जो आना है तो सिर्फ उनका ही ख़्वाब आया कीजै..!! ©Rudraksh Srivastava #yourquote #your_jas #thought #thought_of_the_day #thoughtoftommowor #thoughtatnight #findyourself