#janaaza
कहीं कोई मौकापरस्त हमारे दिलदार यारों में छिप के न रो ले,
जनाज़ा हमारा है, देखना पासबां, कोई कमज़र्फ़ साथ न हो ले,
ये आख़िरी दीदार किसी गुनहगार ए मोहब्बत के नसीब में न हो,
शहर की तमाम बेवफ़ाओं से कह दो, भूल के भी अपनी खिड़कियां न खोले! #शायरी