सीने में ज़ख्म हज़ार लिए, कुछ अरमानों को तार किए, मेरी नाकामी का हार लिए, पर, तुझसे प्रीत अपार किए, चिर काल अनंत से व्योम में, कभी खुद से खुद के लोप में, हर रीति-नीति से लड़ने को, बेबाक गगन में उड़ने को, तत्पर निर्भीक परिंदा हूँ, मुझ में कहीं, हाँ...कहीं न कहीं... मैं ज़िंदा हूँ.... #zinda #deewanatera