*अग्नीपथ को रोंध कर,* *दे डाला संदेश।* *दंगावीरों ने किया,* *दूषित सब परिवेश।* *दूषित सब परिवेश,* *जलाया देश समूचा।* *सैनिक बनकर नाम,* *देश का करते ऊँचा।* *कह नीतेश कविराय,* *रोकिए मत तुम रथ को।* *राष्ट्र भक्त बनकर*, *स्वीकारें अग्निपथ को। ©kavi neetesh #अग्निवीर #सेना #army #poem #Poet #Poetry #Hindi #wordgasm #bharat #IndianArmy