रंग गुलाल जताते रहते सदैव प्यार की परिभाषा, नफरतें मिट जाए यही रहती रंगों की अभिलाषा। रंगों को छूकर दुश्मन भी मिलते एक दूजे से गले, रंगों में रंगकर मिट जाते सभी शिकवे और गिले। सदियों से चल रहा रंगों का दस्तूर नफरतें मिटाना, जात पात ऊंच नीच के भेद मिटाके,प्यार बढ़ाना। रंगों से रंगीन बनी ब्रह्माण्ड की मनभावन प्रकृति, बिखेरती रंगों से खूबसूरती निष्प्राण सी आकृति। मौसम बदलते रंग भी अपने रंगों को बदल लेते, मौसम की तकरार की मार प्यार के रंग झेल लेते। उंच नीच के भेद भाव को प्यार के रंग में रंग लेते, प्यार के रंगों में रंगकर दुश्मन दोस्त बन संग रहते। #Colorप्यार के रंग