बेमंजिल सफर का पता पूछ रही है.. नींद फिर तेरे घर का पता पूछ रही है..!! बियावां की तफ्तीश पर निकली है.. नजर जाने किधर का पता पूछ रही है..!! तन्हाई की शाम अब ढलने को है..सुना.. आवारगी इधर का पता पूछ रही है..!! असर तेरे जाने का कैसे करूँ बयां.. परछाई भी उधर का पता पूछ रही है..!! बेतरतीबी की हदें पार कर ली है.. रात खुद सहर का पता पूछ रही है..!! मैं गाँव की पगडंडी पे खड़ा हूँ.. ज़िंदगी शहर का पता पूछ रही है..!! #yqbaba #yqdidi #neend #parchayi #love