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काश ऐसी दुनिया हो, ज़हां इश्क़ ही इश्क़ बसे, कोई ए

काश ऐसी दुनिया हो, ज़हां इश्क़ ही इश्क़ बसे,
कोई एक दूसरे की कमज़ोरी मजबूरी पर नहीं हँसे।
जहाँ शिकवों और शिकायतों की जगह न रहे,
कोई एक दूसरे को अपना जानी दुश्मन नहीं कहे।

©Amit Singhal "Aseemit"
  #इश्क़ #ही #इश्क़