नारी शोषण मैं नारी हूँ,समेटे स्वयं में संपूर्ण प्रकृति की संचारिणी हूँ मैं नहीं अबला,मैं सहनशील,सुलझी मानवता की स्वामिनी हूँ। मुझ पर ही कर अत्याचार कैसे होगा,इस पृथ्वी पर जीवन निर्वाह, कुछ तो लाज रखो अपने मनुष्यत्व की हे!पुरुष करो अपना निजक्रोध प्रवाह।। #rzमहफ़िल #rzमहफ़िल1 #restzone #yqrestzone