जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो ©Piyush Shukla मेरी बेटी जीवन की बगिया में जबसे पुष्प बनी तुम आई हो घर का कोना कोना अपने खुश्बू से महकाई हो तुमको पा कर जान लिया है, कमी कहां थी जीवन में फलित हुए शुभ कर्मों की तुम पूंजी पाई पाई हो ©पीयूष राज