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मुलाक़ात तो वो बहुत अच्छी थी! पर माँ ने मारी लठठी थ

मुलाक़ात तो वो बहुत अच्छी थी!
पर माँ ने मारी लठठी थी क्यों गई उससे मिलने
उमर तो मेरी कच्ची थी!
नहीं पता था कि प्यार क्या होता है!
प्यार किया नहीं जाता हो जाता है ये माँ को कैसे
समझाये क्यों कि माँ पर भी मेरी जिम्मेदारी थी!
बच्ची थी मै दिल से दिमाग़ से कच्ची थी!
प्यार करते है सब निभाते है कम ये बात बहुत सच्ची थी!
प्यार का भूत जल्दी उतर गया!
डोली मेरी साजन के घर उतरी जिससे मै प्यार नहीं करती थी!
पर सात जन्मो का वादा कर उसे अपना लिया!
अपना उसे बना लिया, वो मुलाक़ात याद आती है कभी
जब मैं बच्ची थी, अक्ल से थोड़ी कच्ची थी!
🤪

©POOJA UDESHI #mulaakaat #mulakaate
मुलाक़ात तो वो बहुत अच्छी थी!
पर माँ ने मारी लठठी थी क्यों गई उससे मिलने
उमर तो मेरी कच्ची थी!
नहीं पता था कि प्यार क्या होता है!
प्यार किया नहीं जाता हो जाता है ये माँ को कैसे
समझाये क्यों कि माँ पर भी मेरी जिम्मेदारी थी!
बच्ची थी मै दिल से दिमाग़ से कच्ची थी!
प्यार करते है सब निभाते है कम ये बात बहुत सच्ची थी!
प्यार का भूत जल्दी उतर गया!
डोली मेरी साजन के घर उतरी जिससे मै प्यार नहीं करती थी!
पर सात जन्मो का वादा कर उसे अपना लिया!
अपना उसे बना लिया, वो मुलाक़ात याद आती है कभी
जब मैं बच्ची थी, अक्ल से थोड़ी कच्ची थी!
🤪

©POOJA UDESHI #mulaakaat #mulakaate
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Pooja Udeshi

Gold Star
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