"सबसे बड़ा रोग ,कहेंगे क्या लोग" इस कथन का तत्वपर्य है। इंसान का सबसे बड़ा रोग होता कि वो किसी भी काम को करने से पहले ये सोच लेता है।की ये काम करेंगे तो लोग देखेंगे। क्या कहेगा जबकि सच ये है कि एक अच्छे इंसान अपने काम से मतलब रखताहै। वो किसी के कामो में दखलअंदाजी करेगा ही नही क्यों कि उसे अपने कामों से वक्त नहीं है इसलिए कहता है "कोईभी काम छोटा नही होता है" छोटा इंसान का सोच होता है और यह एक रोग के तरह है जिसका कोई समाधान नही है शिवशंकर विश्वकर्मा 10