ज़ख्म के फूल है खुशबू दर्द की आ रही है वक़्त की लहरें इस कदर सितम ढा रही है मगर गुजर जाएंगी ये गम की घड़ियां ये गीत मेरी अंतरात्मा गा रही है #पॉजिटिव