हर रात से होने वाले सवेरे में सूरज की निकलती किरणों में गुनगुनी धूप में, मद्धम होते दिन में सांझ के उजियारे में, रात के अंधियारे में तुम ही तो थे जिसने संभाले रखा मुझे, अपने प्यार से वो तुम ही तो थे। वो हर सवेरा मुझको याद है जब हमारी बातों में Good Morning, I Love You शब्दों की शुरुआत होती है तबीयत को लेकर तबीयत से गुस्से की बरसात होती है कुछ रात की बातों से भी सवेरे का इस्तकबाल होता है बातें कई हज़ार होती हैं लेकिन सवेरे की बातों का "Brush करने चलते हैं" पर समापन होता है इन सारी बातों में, यादों में, प्यार में गुस्से में, शब्दों में, तबीयत में, सवेरे में, तुम ही तो थे तुम ही तो हो। #यादों #प्यार #गुस्से #शब्दों #तबीयत #तुमहीतोथे #तुमहीतोहो #YQDidi Vaibhav Dev Singh