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एक रास्ते सी तुम,मुसाफ़िर सा मैं एक शुरूआत सी तुम,


एक रास्ते सी तुम,मुसाफ़िर सा मैं
एक शुरूआत सी तुम,आख़िर सा मैं

लगती हो तुम मुझे,जैसे कोई बहती नदी
मुकम्मल सी तुम,बाकी सा मैं

हाथों में नहीं हो लिखी,वो तकदीर हो मेरी
किसी ख्वाब सी तुम,ज़ाहिर सा मैं

मुझमें छुपी हुई हो,मिलती हो कहीं नहीं
एक बूंद सी तुम,बारिश सा मैं

कुछ हासिल कहां हुआ है,लड़कर अहसासों से कभी
पुरानी आदत सी तुम,माहिर सा मैं

लिख पाना अब तुम्हें,मुमकिन हैं कहाँ
इबादत सी तुम,काफ़िर सा मैं...

Abhishek Trehan

 #raste #manzil #ishq #sufilove #yqhindi #yqpoetry #hindipoetry #hindishayari

एक रास्ते सी तुम,मुसाफ़िर सा मैं
एक शुरूआत सी तुम,आख़िर सा मैं

लगती हो तुम मुझे,जैसे कोई बहती नदी
मुकम्मल सी तुम,बाकी सा मैं

हाथों में नहीं हो लिखी,वो तकदीर हो मेरी
किसी ख्वाब सी तुम,ज़ाहिर सा मैं

मुझमें छुपी हुई हो,मिलती हो कहीं नहीं
एक बूंद सी तुम,बारिश सा मैं

कुछ हासिल कहां हुआ है,लड़कर अहसासों से कभी
पुरानी आदत सी तुम,माहिर सा मैं

लिख पाना अब तुम्हें,मुमकिन हैं कहाँ
इबादत सी तुम,काफ़िर सा मैं...

Abhishek Trehan

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