#OpenPoetry चांद है तू चकोर हूं मैं, तेरे इतने पास होके भी दुर हू मैं, तेरे इस दीदार का अक्स हूं मैं, तेरे बंदगी मैं यूं बेसुध हु मैं, चांद है तू चकोर हु मैं। यह जानते हुए के कभी पा ना सकुंगी तुझे, फिर भी तेरे इश्क में गिरफ्तार हूं मैं, आपनी हर गलति की इक खुद ही जिम्मदार हैं में, चांद है तू और चकोर हूं मैं । इस कदर खुद ही सी लपता हूं मैं, की एब बात-बात पर ज़िक्र तेरा ही करती हूं मैं, ये ज़माना जब पूछता है मुझ से इस रिश्ते का नाम मुस्कुरा कर कहती हूं मैं, के चंद है तू चकोर हूं मुख्य। - © Kesha Patni #OpenPoetry #keshapatni #nojoto #poetry #poem #love #moon #onesidelove #chakor #like