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# व्याकुल है मन व्याकुल है तन व्य | Hindi कविता

व्याकुल है मन व्याकुल है तन
व्याकुलता है जीवन में 
एक तुम्हारे प्रिय मेरे
नही है कुछ कंचन नैनन मे
तेरे जैसी ना खुशबू है
इन फूलों चंदन मे
मै हो गयी तेरी दीवानी
और ना कुछ है मुझ जोगन मे

व्याकुल है मन व्याकुल है तन व्याकुलता है जीवन में एक तुम्हारे प्रिय मेरे नही है कुछ कंचन नैनन मे तेरे जैसी ना खुशबू है इन फूलों चंदन मे मै हो गयी तेरी दीवानी और ना कुछ है मुझ जोगन मे #कविता #PremGeet #badalsinghkalamgar

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